आजकल हमारे युवा इस पर काफी सोच रहे हैं कि हमारी गोंडी संस्कृति को कैसे बचाया जाए...
जामुन ढाना, ग्राम-धावडी, जिला-बैतूल (मध्यप्रदेश) से दशरथ इरपाचे अपनी गोंडी भाषा में हमें उनके इलाके से एक सुखद समाचार बता रहे है कि बता रहे हैं कि उनके गाँव के युवा लोग आज कल यह बहुत सोच रहे है कि हमारे गोंडवाना संस्कृति को कैसे बचाया जाए और उसको कैसे आगे बढाया जाए और धर्म संस्कृति को कैसे बचाना है उसके सम्बन्ध में आजकल वे लोग काफी बातचीत आपस में कर रहे है| और उनके क्षेत्र में एक पारंपरिक गोंडी डंडार का सामूहिक सांस्कृतिक कार्यक्रम होता है उसी से सम्बंधित कल एक गीत भी सीजीनेट के साथियों को सुनायेंगे, आप इंतज़ार कीजिये| दशरथ इरपाचे@8120217335.