दादा भौजी सुन लीहो, सुन लीहो काकी...सीजीनेट गीत -
मालीघाट, जिला-मुजफ्फरपुर (बिहार) से सुनील कुमार सीजीनेट पर एक गीत सुना रहे है :
दादा भौजी सुन लीहो, सुन लीहो काकी-
सब कोई बोलिह नहीं रहे कोई बाकी-
हाय रे हाय रे सूरजपुर से कैलाश पोया बोले-
सुनील कुमार बिहार से बोले-
सूचना क्रांति के बहे बयार-
लोकतांत्रिक मीडिया के मालिक-
सीजीनेट स्वर में बोले-
हाय रे हाय रे बस्तर से सुमनलता बोले-
बालाघाट से सरला श्रीवास बोले,
मोबाइल रेडियो के बहे बयार-
शहर हो या गांव जवार-
बुल्टू रेडियो में बोले-
हाय रे हाय रे गोंडी, कुडुक,कुई-
भाषा आदिवासी स्वर में बोले...
Posted on: May 16, 2017. Tags: SONG SUNIL KUMAR VICTIMS REGISTER
मातृ देवो भव : माताओं के प्रति कृतज्ञता प्रकट करने के लिए मदर्स डे 1908 से मनाया जा रहा है...
मातृ देवो भव : मालीघाट, जिला-मुजफ्फरपुर (बिहार) से सुनील कुमार मातृत्व दिवस पर बात कर रहे है वह बता रहे है कि माँ का क़र्ज़ कभी भी संतान नही चुका सकती है, इस दिवस से जुड़े पहलुओं पर बताने चाहते है, छात्रा केथरीन द्वारा शोध करते हुए एक माँ ऐना के बारे में जाना कि अपनी माँ के त्यागपूर्ण जीवन को अहसास बनाए रखने के लिए ऐना ने मदर्स डे मनाने की अवधारणा को जन्म दिया उन्होंने गवर्नर आदि कई प्रमुखों को पत्र लिखा कि माताएं अपने बच्चों को जन्म देते समय जो कष्ट झेलती है, उन्हें सुयोग्य नागरिक बनाने के लिए प्रयतनशील रहती है और उसके प्रति कृतज्ञता ज्ञापित करने के लिए मदर्स डे मनाना चाहिए | सुनील@9308571702
Posted on: May 14, 2017. Tags: SONG SUNIL KUMAR VICTIMS REGISTER
अमवाँ महुअवा के झूमे डलिया...झूमर विवाह गीत
मालीघाट, जिला-मुजफ्फरपुर (बिहार) से सुनील कुमार, झूमर विवाह गीत सुना रहे हैं :
अमवाँ महुअवा के झूमे डलिया-
तनी ताक न बलम वा हमार ओरिया-
अमवा मोजर गईले महुआ कोचाई गईले-
रसवा से भरी गईले फूल डरिया-
तनी ताक न बलमुआ हमार ओरिया-
महुआ बिनन हम गईली महुआ बगिया-
रहिया जे छेकले देवर पपिया-
तनी ताक न बलमुआ हमार ओरिया-
कोयली के बोली सुनी मन बऊराई गईले-
नाही अईले हमरो बलम रसिया-
तनी ताक न बलमुआ हमार ओरिया...
Posted on: May 14, 2017. Tags: SONG SUNIL KUMAR VICTIMS REGISTER
आपका स्वास्थ्य आपके मोबाइल में : पलास के औषधीय गुण -
जब महिलाओ को मासिक धर्म का समय होता है तब पेशाब में रूकावट या मासिक धर्म में रूकावट हो तो पलास के फूलो को उबालकर उल्टिस बनाकर पेडू पर बांध ले इससे मासिक धर्म व पेशाब में रुकावट की समस्या में सुधार होगा। इससे अंडकोषों में सूजन में भी सुधार होता है एवं नाक, मल मूत्र मार्ग अथवा योनि मार्ग में रक्तस्त्राव होता हो तो पलास की छाल का काड़ा ५० मिलीलीटर बनाकर ठण्डा होने पर मिश्री मिलाकर पीने से लाभ होता है, पलास के फूलो का रस रतौंधी के प्रारंभिक अवस्था में रस डालने से लाभ होता है, फूलो को गर्म पानी में उबालकर उस पानी से नहाने पर चर्मरोग की समस्या में लाभ मिलेगा। ऐसे ही हमारे आस पास बहुत सारे पेड़ पौधो में औषधीय गुण होते है बस जानने की जरुरत है. सुनील@9308571702
Posted on: May 12, 2017. Tags: SONG SUNIL KUMAR VICTIMS REGISTER
रेत और पत्थर पर लकीर की कहानी...
दो मित्र घूम रहे थे, सफर के बीच उन लोगो में कुछ विवाद हो गया और एक दोस्त दूसरे दोस्त को थप्पड़ मार दिया जिस व्यक्ति ने थप्पड़ खाया था वो बहुत दुखी हुआ और बिना कुछ कहे उसने घटना को रेत में लिख दिया.फिर उन्होंने स्नान करना निश्चित किया और जिस व्यक्ति ने थप्पड़ खाया था वह दलदल में फंस गया और डूबने लगा परन्तु उसके साथी ने उसे बचा लिया, बच जाने के बाद उसने उस घटना को एक पत्थर पर पोत दिया | जिस दोस्त ने थप्पड़ मारा था और डूबने से बचाया था उसने पूछा मैंने तुम्हे चोट पहुँचाया था तुमने रेत पर लिखा और जब तुम्हारी जान बचाई तो पत्थर पर अंकित कर दिया ऐसा क्यों? उस दोस्त ने उत्तर दिया जब हमे कोई दुःख पहुंचता है तो हमे उस घटना को रेत पर लिखना चाहिए और जहाँ क्षमा या करुणा युक्त हवा है उसे मिटा दे और जब कोई हमारे साथ अच्छाई करे तो उसे पत्थर पर अंकित कर देना चाहिए जहाँ किसी प्रकार की हवा उसे न मिटा सके |