रेत और पत्थर पर लकीर की कहानी...
दो मित्र घूम रहे थे, सफर के बीच उन लोगो में कुछ विवाद हो गया और एक दोस्त दूसरे दोस्त को थप्पड़ मार दिया जिस व्यक्ति ने थप्पड़ खाया था वो बहुत दुखी हुआ और बिना कुछ कहे उसने घटना को रेत में लिख दिया.फिर उन्होंने स्नान करना निश्चित किया और जिस व्यक्ति ने थप्पड़ खाया था वह दलदल में फंस गया और डूबने लगा परन्तु उसके साथी ने उसे बचा लिया, बच जाने के बाद उसने उस घटना को एक पत्थर पर पोत दिया | जिस दोस्त ने थप्पड़ मारा था और डूबने से बचाया था उसने पूछा मैंने तुम्हे चोट पहुँचाया था तुमने रेत पर लिखा और जब तुम्हारी जान बचाई तो पत्थर पर अंकित कर दिया ऐसा क्यों? उस दोस्त ने उत्तर दिया जब हमे कोई दुःख पहुंचता है तो हमे उस घटना को रेत पर लिखना चाहिए और जहाँ क्षमा या करुणा युक्त हवा है उसे मिटा दे और जब कोई हमारे साथ अच्छाई करे तो उसे पत्थर पर अंकित कर देना चाहिए जहाँ किसी प्रकार की हवा उसे न मिटा सके |