कईल हम कौन कसूर नैनवा से दूर कईले गुरु जी...गुरु भजन

मालीघाट, जिला-मुजफ्फरपुर (बिहार) से इंदु देवी एक गुरु भजन सुना रही हैं :
कईल हम कौन कसूर नैनवा से दूर कईले गुरु जी-
पहिला कसूर कईले दया नहीं मंगले-
भईल हमरा से भूल नैनवा से दूर कईले गुरु जी-
दूसरा कसूर कईले चर्चा न कईली-
तीसरा कसूर कईली न मन न जपली-
कई दियो हुके माफ़ हो गुरु जी-
कईल हम कौन कसूर नैनवा से दूर कईले गुरु जी...

Posted on: Jun 08, 2017. Tags: SONG SUNIL KUMAR VICTIMS REGISTER

सत्य के मुंह पर जब भी ताले होते हैं...गजल

मालीघाट, जिला-मुजफ्फरपुर (बिहार) से सुनील कुमार महेश सुगम कटारे की गज़ल सुना रहे है :
सत्य के मुंह पर जब भी ताले होते हैं-
अच्छाई के देश निकाले होते हैं-
हुई ज़रा बरसात उफनने लगते हैं-
छोटे जितने नदिया नाले होते हैं-
लुका छिपी का खेल वही कर पाते हैं-
आज सियासत है ऐसे ही लोगों की-
जिनके तन उजले,मन काले होते हैं...

Posted on: Jun 03, 2017. Tags: SONG SUNIL KUMAR VICTIMS REGISTER

हम बच्चे सब मिल जुलकर पढ़े-पढ़ायें...बाल गीत

सुनील कुमार मालीघाट, जिला-मुजफ्फरपुर (बिहार) से शिक्षाप्रद बाल गीत सुना रहे हैं:
हम बच्चे सब मिलजुलकर पढ़े-पढ़ायें-
पढ़े-पढ़ायें सबको सिखाएं-
आस-पास के वातावरण से
कुछ सीखे कुछ सिखाएं-
आपस में हम मेल बढ़ाएं-
सबको हम अपनाएँ-
हम बच्चे सब मिलजुलकर पढ़े-पढ़ायें-
पढ़े-पढ़ायें सबको सिखाएं-
आस-पास के वातावरण से
कुछ सीखे कुछ सिखाएं-
आपस में हम मेल बढ़ाएं-
सबको हम अपनाएँ-
हम बच्चे सब मिलजुलकर पढ़े-पढ़ायें...

Posted on: Jun 01, 2017. Tags: SONG SUNIL KUMAR VICTIMS REGISTER

घो घो रानी ,घो घो रानी...बाल खेल गीत

मालीघाट, जिला-मुजफ्फरपुर (बिहार) से सुनील कुमार एक खेल गीत सुना रहे हैं:
घो घो रानी, घो घो रानी-
कितना भर पानी कितना भर पानी-
घो घो रानी, घो घो रानी-
घुट्टी भर पानी, घुट्टी भर पानी-
घो घो रानी घो घो रानी-
कितना भर पानी कितना भर पानी-
घो घो रानी घो घो रानी-
ठेहुना भर पानी ठेहुना भर पानी-
घो घो रानी घो घो रानी-
कितना भर पानी कितना भर पानी-
घो घो रानी घो घो रानी-
डाँर भर पानी डाँर भर पानी-
घो घो रानी घो घो रानी-
कितना भर पानी कितना भर पानी-
घो घो रानी घो घो रानी-
गर्दन भर पानी गर्दन भर पानी...

Posted on: Jun 01, 2017. Tags: SONG SUNIL KUMAR VICTIMS REGISTER

आशा का दीप हर दम, मन में जलाए रखना...कविता -

मालीघाट, जिला-मुजफ्फरपुर (बिहार) से सुनील कुमार युवा कवि श्रवण कुमार की एक कविता सुना रहे है :
आशा का दीप हर दम, मन में जलाए रखना-
बदलेगा फिर जमाना, हिम्मत बनाए रखना-
तूफ़ान क्या दरिया क्या, दीवार या पर्वत क्या-
बस अपने इरादों को, पत्थर बनाए रखना-
जब मौत हक़ीकत है, जब मौत है सच्चाई-
फिर मौत से क्या डरना, क्यों सर झुकाए रखना...

Posted on: May 30, 2017. Tags: SONG SUNIL KUMAR VICTIMS REGISTER

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