शुभ होके सबके सकरात, दोस्त बने दुश्मन के जात...रचना -
सुनील कुमार मालीघाट, जिला-मुजफ्फरपुर (बिहार) से महेश ठाकुर चकोर एक
का रचना सुना रहे हैं:
शुभ होके सबके सकरात-
दोस्त बने दुश्मन के जात-
गले मिले भाई से भाई-
बिना मिल्लत बाढे कठनाई-
बाप माई के बढ़ो मान-
भोर भइल जाता अपमान-
जात धर्म के भागो झगडा-
दिखते मारल जाओ लबरा...
Posted on: Jan 31, 2018. Tags: SONG SUNIL KUMAR VICTIMS REGISTER
वादनी वरदे वीणा वादनी वरदे...रचना -
मालीघाट, जिला-मुजफ्फरपुर (बिहार) से सुनील कुमार सूर्यकांत त्रिपाठी निराला की एक रचना सुना रहा हैं:
वादनी वरदे वीणा वादनी वरदे-
प्रिय स्वतंत्र अमृत मंत्ना भारत में वरदे-
वादनी वरदे वीणा वादनी वरदे-
काठ कंद उर के बंदन हस्तय-
माँ जननी ज्योतिमय नीजे-
Posted on: Jan 30, 2018. Tags: SONG SUNIL KUMAR VICTIMS REGISTER
वन्दे बिहार वन्दे वन्दे बिहार वन्दे...बिहार गीत
मालीघाट, जिला-मुजफ्फरपुर (बिहार) से सुनील कुमार निरंजन द्वारा लिखा बिहार राष्ट्रगान सुना रहें हैं:
वन्दे बिहार वन्दे वन्दे बिहार वन्दे-
वैभवशाली ओ-ओ वैभवशाली वसुधा बिहार-
हैं तपो भूमि हैं मोच भूमि ज्ञान भूमि अभियान भूमि-
अंग मंगद अजीब देखा हैं संगम अपना बिहार-
नालंदा राजगीर वैशाली का है उद्गम अपना बिहार-
वन्दे बिहार वन्दे वन्दे बिहार वन्दे...
Posted on: Jan 28, 2018. Tags: SONG SUNIL-KUMAR VICTIMS REGISTER
हे हंसवाहिनी, हे शारदे माँ...सरस्वती भजन गीत -
मालीघाट, जिला-मुजफ्फरपुर (बिहार) से सुनील कुमार माँ सरस्वती का भजन गीत सुना रहे है:
हे हंसवाहिनी, हे शारदे माँ-
विद्या का तू उपहार दे माँ-
जीवन पथ पर बढ़ती जाऊँ-
अपनों का विश्वास बनूँ माँ-
अंधियारे को दूर भगा दूँ-
ऐसी तेरी दास बनूँ माँ-
तेरी महिमा जग में गाउँ-
अधरों को तू उदगार दे माँ-
हे हंसवाहिनी, हे शारदे माँ-
विद्या का तू उपहार दे माँ-
मधु का स्वाद लिए है ज्यो अब-
विष का भी मैं पान करूँ माँ-
फूलों पर जैसे चलती हूँ-
शूलों को भी पार करूँ माँ-
तूफानों में राह बना लूँ-
ज्ञान का तू भण्डार दे माँ-
हे हंसवाहिनी, हे शारदे माँ-
विद्या का तू उपहार दे माँ...
Posted on: Jan 25, 2018. Tags: SONG SUNIL KUMAR VICTIMS REGISTER
चल तो गुहिया रे आमा बगीचा...गीत
ग्राम-गुडेफल, पंचायत-दमकासा, ब्लाक-दुर्गकोंदल, जिला-कांकेर (छत्तीसगढ़) से सुनील कुमार और शिवराज एक गीत सुना रहे है:
चल तो गुहिया रे आमा बगीचा-
जुलू हम जुलुम रे पका को खिलाबो-
कच्चा को फेकाबो चल संगिया चल रे-
चल तो गुहिया रे आमा बगीचा...