इस दहेज़ ने ही फैलाया भारी अत्याचार है...दहेज़ प्रथा विरोधी कविता -
जिला-बडवानी (मध्यप्रदेश) से सुरेश कुमार एक दहेज़ प्रथा विरोधी कविता सुना रहे है:
इस दहेज़ ने ही फैलाया-
भारी अत्याचार है-
इस दानव को मार भगाओ-
यह समाज का भार है-
पुत्र जन्म लेते ही घर में-
लहर ख़ुशी की छा जाती-
लेकिन कन्या इस धरती पर-
एक समस्या बन जाती-
कैसे हाथ करेंगे पीले-
जब अभाव घर में धन का...
Posted on: Jan 18, 2018. Tags: SONG SURESH KUMAR VICTIMS REGISTER
चुन-चुन करके चिड़िया तिनका, अपना नीड़ बनाती है...प्रेरक कविता -
जिला-बडवानी (मध्यप्रदेश) से सुरेश कुमार एक कविता “चलते रहो” सुना रहे है:
चुन-चुन करके चिड़िया तिनका, अपना नीड़ बनाती है-
नन्ही से चीटी को देखो, हरदम चलती जाती है-
मधुमक्खी ने कण-कण, -करके अपना छाता जोड़ा-
गिर-गिरकर भी ऊपर चढ़ना, मकड़ी ने कब छोड़ा-
घूम-घूम कर धरती कैसे दिन और रात बनाती-
लगा-लगा सूरज के चक्कर, सुंदर ऋतु लाती...
Posted on: Jan 16, 2018. Tags: SONG SURESH KUMAR VICTIMS REGISTER
एक तुम्ही आधार सतगुरु...भक्ति गीत -
जिला-बडवानी (मध्यप्रदेश) से सुरेश कुमार एक भक्ति गीत सुना रहे है:
एक तुम्ही आधार सतगुरु-
जब तक मिलो न तुम जीवन में-
शांति कहाँ मिले शक्ति मन में-
भोज फिरा संसार सतगुरु-
छा जाता जग में अंधियारा-
सब पाए प्रकाश की धारा-
आते तेरे द्वार सतगुरु-
एक तुम्ही आधार...
Posted on: Jan 01, 2018. Tags: SONG SURESH KUMAR VICTIMS REGISTER
खूब लिखा माँ की ममता पर, दर्द पिता का रहा अनजाना...पिता पर कविता -
जिला-बडवानी (मध्यप्रदेश) से सुरेश कुमार पिता से सम्बंधित एक कविता सुना रहे है:
खूब लिखा माँ की ममता पर-
दर्द पिता का रहा अनजाना-
माँ के आंसू सब ने देखे-
त्याग अपना कोई न जाना-
जीवन में पहचान जरुरी-
कौन है खोटा कौन है खरा-
धुप छाँव का खेल है जीवन-
जीवन में संघर्ष भरा है...
Posted on: Dec 18, 2017. Tags: SONG SURESH KUMAR VICTIMS REGISTER
किताबें कुछ कहना चाहती है, तुमारे सांथ रहना चाहती है...कविता -
बडवानी (मध्यप्रदेश) से सुरेश कुमार एक कविता सुना रहे हैं :
किताबें कुछ कहना चाहती है, तुम्हारे सांथ रहना चाहती है – किताबो में रॉकेट का राज है किताबो में साइंस की आवाज है – किताबो में कितना बड़ा संसार है, किताबो में ज्ञान का भण्डार है – किताबो में सबका राज है किताबो में सबका का ज्ञान है – दुनियां के इंसानो को आज को काम की एक एहसास की हर पल की – किताबे कुछ कहना चाहती है, पढने वालों के सांथ रहना चाहती है...