मजदूरों की पद यात्रा रस्ते में ही थम गई...कविता -
राजनांदगांव (छत्तीसगढ़) से विरेन्द्र गंधर्व एक कविता सुना रहे हैं:
मजदूरों की पद यात्रा रस्ते में ही थम गई-
असमा सहम गई धरती भी सहम गई-
पटरियों पर सोने की इन्होने की नादानी-
नींद में ही ख़त्म हो गई उनकी कर्म कहानी-
मजदूर ही समस्याओं से दो चार होते है-
किसी न किसी बहाने हादसे बार बार होते हैं... (AR)
Posted on: Jun 06, 2021. Tags: CG RAJNANDGAON SONG VIRENDRA GANDHARV
सुविचार : संतोष ही सबसे बड़ा सुख है...
राजनांदगांव, छत्तीसगढ़ से विरेन्द्र गंधर्व सुविचार सुना रहे है :
मन क्रम वचन से किसी को हनी पहुंचाना पाप है-
आवश्यकता से अधिक घर में वस्तुओ का संग्रह करना पाप है-
संतोष ही सबसे बड़ा सुख है...
Posted on: May 28, 2021. Tags: CG RAJNANDGAON VIRENDRA GANDHARV
बस यही अपराध मैं हर बार करता हूँ...गीत-
राजनांदगांव, छत्तीसगढ़ से वीरेंद्र गंधर्व बुध पूर्णिमा के अवसर पर संदेस देते हुये एक गीत सुना रहे हैं:
बस यही अपराध मैं हर बार करता हूँ-
आदमी हूँ आदमी से प्यार करता हूँ-
एक खिलौना बन गया दुनिया के मेले में-
कोई खेले भीड़ में कोई अकेले में-
मुस्कुरा कर भेंट हर स्वीकार करता हूँ... (AR)
Posted on: May 26, 2021. Tags: CG RAJNANDGAON SONG VIRENDRA GANDHARV
करोना के टीके लगवायें प्यारे अच्छे दिन आये हमारे...कोरोना गीत-
जिला-राजनांदगांव (छत्तीसगढ़) से विरेन्द्र गंधर्व एक कोरोना गीत सुना रहे हैं:
करोना के टीके लगवायें प्यारे-
अच्छे दिन आये हमारे-
मिलजुल कर स्वागत करते है हम सारे-
अच्छे दिन आये हमारे-
ये टीके बिलकुल देशी है-
ये जन जन के हितेसी है-
वैज्ञानिको को बधाई उनकी मेहनत रंग लाई...(AR)
Posted on: May 24, 2021. Tags: CG CORONA SONG RAJNANDGAON VIRENDRA GANDHARV
पिंजरे के पंक्षी रे तेरा दर्द न जाने कोये...गीत-
जिला-राजनांदगांव (छत्तीसगढ़) से विरेन्द्र गंधर्व एक गीत सुना रहे हैं:
पिंजरे के पंक्षी रे तेरा दर्द न जाने कोये-
बाहर से तू खामोश रहे और-
भीतर भीतर राये तेरा दर्द न जाने कोये-
कह न सके तू अपनी कहानी-
तेरी भी पंक्षी क्या जिंदगानी-
विधि ने तेरी कथा लिखी-
आंसू में कलम डुबोये तेरा दर्द न जाने कोये...(AR)