पिंजरे के पंक्षी रे तेरा दर्द न जाने कोये...गीत-
जिला-राजनांदगांव (छत्तीसगढ़) से विरेन्द्र गंधर्व एक गीत सुना रहे हैं:
पिंजरे के पंक्षी रे तेरा दर्द न जाने कोये-
बाहर से तू खामोश रहे और-
भीतर भीतर राये तेरा दर्द न जाने कोये-
कह न सके तू अपनी कहानी-
तेरी भी पंक्षी क्या जिंदगानी-
विधि ने तेरी कथा लिखी-
आंसू में कलम डुबोये तेरा दर्द न जाने कोये...(AR)