हरे हरे और गीले गीले, लाल बैगनी और कुछ पीले...गीत-
बिजुरी, जिला-अनूपपुर (मध्यप्रदेश) से रुकसार खान एक कविता सुना रही हैं:
हरे हरे और गीले गीले-
लाल बैगनी और कुछ पीले-
तरह के होते पत्ते-
बड़ी तरह के होते पत्ते-
कुछ हांथी के कान के जैसे-
फड़फाड़ाये शैतान के जैसे-
कटे फटे कुछ मोड़े, कुछ पान के जैसे... (AR)