कल तक संग्राम था पाकिस्तान से...कविता-
राजनांदगाँव (छत्तीसगढ़) से विरेन्द्र गंधर्व एक कविता सुना रहे हैं:
कल तक संग्राम था पाकिस्तान से-
आज संग्राम है चीन से-
जब सबको पता है-
मिट्टी में मिलने के लिये थोड़ी सी जगह चाहिये-
किसी का रिश्ता नहीं ढेर सी जमीन से-
आज संग्राम है चीन से-
एकता के फूल टूट गये, आज ह्रदय के दाग से... (AR)