दूध पियो दारु के बदले, फिर होंगे नहीं जीवन में मसले...कविता-
राजनांदगांव (छत्तीसगढ़) से वीरेंद्र गंधर्व एक कविता सुना रहे हैं:
दूध पियो दारु के बदले-
फिर होंगे नहीं जीवन में मसले-
गाजर-मटर निसदिन खाओ-
इष्ट-पुष्ट तुम बदन बनाओ-
नशा नाश का जड़ है, जो इस से अलग होकर जिये-
उसके लिये ईश्वर है-
अपने दिल को बनाओ सदा सुख का केंद्र-
सन्देश याद रखना गंधर्व वीरेंद्र...