अपनी बात मनवाने के चक्कर में आपसी विवाद नहीं करना चाहिये...कहानी
एक बार एक पेड़ के नीचे चार व्यक्ति बेठे थे उन व्यक्ति में एक थे पंडित जी दूसरे थे मौलवी तीसरे थे पहलवान और चौथे में थे दूकान दार और उसी पेड़ पर चार पक्षी भी बेठे थे और अपनी भाषा में कुछ बाते कर रहे थे| पंडित जी ने कहा कि मै जनता हूँ ये पक्षी क्या कह रहे हैं ये पक्षी कह रहे है राम लक्ष्मण दशरथ, मलवी ने कहा नही आप से ज्यदा मै जानता हूँ, ये पक्षी कह रहे है अल्ला मिया हजरत, अल्ला मिया हजरत दूकानदार ने कहा नहीं यार ये पक्षी कह रहे हैं धनिया मिर्ची अदरक धनिया मिर्ची अदरक, पहलवान ने कहा नहीं तुम सब चुप रहो ये कह रहे हैं दंड बैठक कसरत दंड बैठक कसरत| इसी में सभी आपस में लड़ने लगे और पच्छी उड़ गाये|