फूल सहीं जब मैं बन जाता...कविता-
ग्राम-रक्सा, जिला-अनूपपुर (मध्यप्रदेश) से कुनाल जोगी और दिव्या जोगी एक कविता सुना रहे हैं :
फूल कहीं मैं जब बन जाता-
खुशबु अपनी खूब लुटाता-
तितली को मैं पास बुलाता-
भौंरों संग कोई मुस्कान छोड़ता-
फ़िर कोई न मुझे तोड़ता-
कई नाम मेरे हो जाते-
खुशबु, सुमन, कुसुम कहलाते...