फूलों से नित हँसना सीखो, भौंरों से नित गाना...बाल कविता-
ग्राम-ढोडी, पोस्ट-बरती काला, जिला-बलरामपुर (छत्तीसगढ़) से पूनम मरावी एक कविता सुना रही हैं :
फूलों से नित हँसना सीखो, भौंरों से नित गाना-
तरु की झुकी डालियों से नित, सीखो शीश झुकाना-
सीख हवा के झोकों से लो, हिलना, जगत हिलाना!
दूध और पानी से सीखो, मिलना और मिलाना-
सूरज की किरणों से सीखो, जगना और जगाना-
लता और पेड़ों से सीखो, सबको गले लगाना...