फूलों से नित हँसना सीखो, भौंरों से नित गाना...कविता-
ग्राम-देवरी, जिला-सूरजपुर (छत्तीसगढ़) से कैलाश सिंह पोया एक कविता सुना रहे हैं :
फूलों से नित हँसना सीखो, भौंरों से नित गाना-
तरु की झुकी डालियों से नित सीखो शीश झुकाना-
सीख हवा के झोंकों से लो कोमल भाव बहाना-
दूध तथा पानी से सीखो मिलना और मिलाना-
सूरज की किरणों से सीखो जगना और जगाना-
लता और पेड़ों से सीखो सबको गले लगाना-
मछली से सीखो स्वदेश के लिए तड़पकर मरना...