आना मेरे गाँव तुम्हे मै दूंगी फूल कन्हेर के...कविता
ग्राम-फुरफुन्दी, विकासखण्ड-कोयलीबेडा, तहसील-पखांजूर, जिला-उत्तर बस्तर कांकेर (छत्तीसगढ़) से रेखा ताम्रकार, अनीता साहू, चांदनी साहू और तमन्ना साहू एक कविता सुना रहे हैं :
आना मेरे गाँव तुम्हे मै दूंगी फूल कन्हेर के-
कुछ कच्चे, कुछ पक्के घर हैं, एक पुराना तार है-
सड़क बनेगी सुनती हूँ, इसका नंबर इस साल है-
चढ़ते आना टीले ऊपर, कई पेड़ हैं बेर के-
बाबा ने था पेड़ लगाया, बापू ने फल खाए हैं...