कोन स्यात में बढई कक्का, अरे जब कुर्सी बना के धर दई...बुंदेलखण्डी गीत
ग्राम+पोस्ट-बांदाकपुर, जिला-दमोह (मध्यप्रदेश) से संतोष भारती बुंदेलखण्डी भाषा में एक गीत सुना रहे है:
कोन स्यात में बढई कक्का, अरे जब कुर्सी बना के धर दई-
अरी तोरी अक्कल खोह का कहिए, तेस ते आफत कर दई-
जब से प्रजा तंत्र जो आओ, पांच साल में होत चुनाव-
अरे तूड़ोभव कुर्सी को भाव, जो पा जावे छोड़त नईया-
अरे चुंबक सी फिट कर दई, तोरी अक्कल खोका कईए तेस से आफत कर दई-
जो बन जावे नोकर चाकर, बदल जात कुर्सी वो पाकर...