भारत माता के बेटे हम चलते सीना तान के...देशभक्ति कविता
ग्राम-बड़ेबिटिया, पंचायत-धरमपुर, ब्लॉक-कोयलीबेडा, जिला-उतर बस्तर कांकेर (छत्तीसगढ़) से एक छात्र चंदू उसेंडी एक देशभक्ति कविता सुना रहे हैं:
भारत माता के बेटे हम चलते सीना तान के-
धर्म अलग हो, जाति अलग हो और अलग हो भाषाएँ-
पर्वत सागर तन-वन मरुस्थल, मैदानों से हम आए-
फौजी के वर्दी में हम सबसे पहले उनके कर्ज चुकाए-
हिंदुस्तान की जिस मिट्टी पर हम खेले खाए हैं-
जिनके कर्ज को हम चुकाना चाहते हैं-
जिसके राजकन को हम समता से अपनाये हैं-
कर्ज चुकाना है उस राजकन के अहसान के-
भारतमाता के बेटे हम चलते सीना तान के...