एक पल की जिंदगानी, एक रोज सबको जाना...गीत-
ग्राम-बरेतीकला, ब्लाक, तहसील-जवा, जिला-रीवा (मध्यप्रदेश) से दयासागर कुसवाहा एक गीत सुना रहे हैं :
एक पल की जिन्दगानी एक रोज सबको जाना-
वर्षो की तू क्यों सोचे पल नही ठिकाना-
मल-मल के तूने अपने तन को जो है निखारा-
इत्रों कि खुशबुओं से महके शरीर सारा-
तन-मन से तूने अपने तन को है जो निखारा-
काया जो सांथ होगी ये बात न भुलाना, वर्षो की तू क्यों सोचे पल नही ठिकाना...