लोक लुकड़ी लोकड़ खोरसा ककईया गुथली दीदी के देवरा लुकड़ी...छेरता गीत -
ग्राम-पाली, विकासखंड-पोड़ी उपरोड़ा, जिला-कोरबा (छत्तीसगढ़) से सुरेश कुमार मरावी एक पारंपरिक त्योहार छेरता के विषय में बता रहे हैं. छेरता पूस (जनवरी) के महीने में मनाया जाता है जिसमे लड़कियां, बच्चे टोली बनाकर मोहल्ले मे छेरता (भिक्षा) मांगने जाते है वे उसी त्योहार से संबंधित एक गीत सुना रहे हैं :
लोक लुकड़ी लोकड़ खोरसा ककईया गुथली दीदी के देवरा लुकड़ी – भाटा टोरुं हो देवर भाटा टोरू ना – हांथ लगे कंटा झिलमिलिक सेरिक भंटा लुकड़ी – आंगन मा मेड खुटा मेड खुटा हमला दैहा डेढ़ सुपा...
Posted on: Dec 01, 2017. Tags: SONG SURESH KUMAR MARAVI VICTIMS REGISTER
जुड़ बाशी-जुड़ बाशी खाना नहीं...हास्य कवितायेँ
ग्राम पंचायत पाली, विकासखंड-पोड़ी उपरोड़ा, जिला कोरबा (छत्तीसगढ़) से सुरेश कुमार मरावी कुछ हास्य कविताएँ सुना रहें हैं:
जुड़ बाशी-जुड़ बाशी खाना नहीं-
बिना झोर के, बिना झोर के-
पाताल मेरे यारा, नून को ना भुलाना-
उसे याद रखना कहीं भूल ना जाना...
2
देखा हैं पहलीं बार सायकिल में हाथी सवार-
टेटका पूछी-टेटका पूछी-
जब उतरे तो सायकिल को आया बुखार-
3
मेरा मन चाट होटल जाए-
ना जानें कितना प्लेट खाए-
4
ऐसे वाणी बोलिए सबसे झगड़ा होय-
पर उससे झगड़ाना होये जो अपने से तगड़ा होये कबीरा-
5
अखियाँ मिलाना तेरे दाई को बुलाना, तेरे ददा ने किये जादू-
कुत्ते ने लात मारी, बिल्ली ने हाथ मारी ढोल गया आलू-
बिना चप्पल के ही, नाचे भालू, बिना चप्पल के ही नाचे भालू...