मिला है शिक्षा का अधिकार......

सुनील कुमार, मुजफ्फरपुर, बिहार से शिक्षा के अधिकार पर एक गीत गा रहे हैं...
सुनो रे भाई, सुनो रे बहना, करता समय पुकार
मिला है शिक्षा का अधिकार, मिला है शिक्षा का अधिकार
कोई बच्चा नहीं रहेगा, अब शिक्षा से दूर
चाहे उनके माता-पिता हों जितने भी मजबूर
पूरे देश के बच्चे अब हैं शिक्षा के हकदार
मिला है शिक्षा का अधिकार...
नहीं रहेंगे भाग्य, अभागे अपने नौनिहाल की
जिनकी उमर अब हो रही है 6 से 14 साल की
ऐसा क़ानून है जिसकी सबको है दरकार
मिला है शिक्षा का अधिकार...
हक़ है हमारा मुफ्त में पाना पढ़ने का सामान
शामिल जिसमें भोजन है और स्कूली परिधान
सबको पढ़ाने के वास्ते बाध्य है सरकार
मिला है शिक्षा का अधिकार...
देना बच्चों को मुफ्त में शिक्षा सरकारी जिम्मेवारी
अगर नहीं हक़ मिला तो उन पर पड़ेगी जनता भारी
अशिक्षा के अन्धकार को हमने दिया ललकार
मिला है शिक्षा का अधिकार.......

Posted on: Jun 25, 2014. Tags: SONG Sunil Muzaffarpur VICTIMS REGISTER

जितने हरामखोर थे कुर्बो जवार में, प्रधान बनके आ गए अगली कतार में...

अदम गोंडवी की पुण्यतिथि पर मुजफरपुर (बिहार) से सुनील कुमार जी और उसके साथी विकास कुमार हारमोनियम पर और परमानन्द जी नाल पर अदम गोंडवी का गीत गा रहे है गीत के बोल है – जितने हरामखोर थे कुर्बो जवार में
प्रधान बनके आ गए अगली कतार में
काजू भुने प्लेट में विस्की गिलास में
उतरा है रामराज विधायक निवास में
जितने हरामखोर........

Posted on: Dec 18, 2013. Tags: Sunil Muzaffarpur

ये वक्त की आवाज है मिल के चलो...

ये वक्त की आवाज है मिल के चलो
ये ज़िन्दगी का राज है मिल के चलो
आओ दिल की रंजिशों को मिटाते आ
आओ भेद भाव को भुलाते आ
ये भूख की ये झूमता है जोर क्यों
हर एक नजर बुझी बुझी हर एक नज़र उदास
ये वक्त है आवाज कि मिल के चलो
जैसे सुर से सुर से मिले हो राग के राग के
जैसे शोले मिले बने आग के आग के

Posted on: Dec 15, 2013. Tags: Sunil Muzaffarpur

ये फैसले का वक्त है तू आ कदम मिला...

ये फैसले का वक्त है, तू आ कदम मिला
ये इम्तहान सत्य है तू आ कदम मिला
हर दिशा से भोर से सूरज निकल रहे
आसमा में लाल फरेरे मचल रहे
मुक्ति कारवां से कारवान मिल रहे
तू बोल किसके साथ है तू आ जरा बता
ये फैसले का वक्त...
कैद में पड़ी हुई जमी बुला रही
खींचती हुई ये मशीने बुला रही
ये जंग इन्कलाब है, तू आ लहू मिला
ये फैसले का...
गा रही अँधेरी रात में दिए की लौ
इस जहाँ से अंधकार को समेट दो
हर ओर जिंदगी की रौशनी बिखेर दो
ये जिंदगी का गीत है जिन्दा लबों से गा

Posted on: Dec 13, 2013. Tags: Sunil Muzaffarpur

भाषण में गरीब कहके साशन करे हे...मगही लोकगीत

भाषण में गरीब कहके साशन करे हे
जब माँगा ही मजुरिया तो लाठी मारे हे
कुर्सी पर भी उकरे पिता कितरा विपद सुनाओ
धीरज के कपड़ा ने कब ले हारन लोर चुकाओ
लेहुआ के लकड़ी पर पापी लैम्बो गा रहे

Posted on: Dec 09, 2013. Tags: Sunil Muzaffarpur

« View Newer Reports

Recording a report on CGNet Swara

Search Reports »


YouTube Channel




Supported By »


Environics Trust
Gates Foundation
Hivos
International Center for Journalists
IPS Media Foundation
MacArthur Foundation
Sitara
UN Democracy Fund


Android App »


Click to Download


Gondi Manak Shabdkosh App »


Click to Download