हम गरीब लोग महुआ से दारू के साथ बीज के तेल से खाना बनाते हैं, कुछ लोग अमीर हो गए हैं...
नगर पंचायत-भामरागढ़, जिला-गड़चिरोली (महाराष्ट्र) से रामधर मडावी सुरेश कुमार को बता रहे है कि हम लोग आजकल महुआ बीनते है और उसे सुखाते है फिर दारू बनाते है | घड़ा में 6-7 दिन भिगोते है फिर उसे पकाते है, पकाने के बाद उसका दारु बनाया जाता है |इसके अलावा महुआ को सुखाकर लाटो बनाते है फिर खाते है | इसके आलावा महुआ के फल को फोड़कर बीज निकलकर सुखाकर चक्की में ले जाकर तेल निकालते है, जिसे टोरी कहते हैं |उसमे पानी छिड़ककर उबालते है फिर उसे गरीब लोग खाने में उपयोग करते है | आजकल बहुत लोग अमीर हो गए हैं तो टोरी का तेल नहीं खाते | हमको मौक़ा मिला तो हम महुआ का दारू रोज़ पीते हैं