छुन छुन पैरी तोर बाजे,मोर दिल के चैन उडागे ...
मानसिंह यादव,पोलमी नवापारा,जिला कबीरधाम,छतीसगढ़ से है जो एक गीत सुना रहे है :-
छुन छुन पैरी तोर बाजे,मोर दिल के चैन उडागे
छुन छुन पैरी तोर बाजे,मोर दिल के चैन उडागे
सावन के बदरा हरे,बिरहा की रोग बढ़ाये
नाच्चे मन के मयूरा रे,नच्चे मन के मयूरा ना
छुन छुन पैरी तोर बाजे,मोर दिल के चैन उडागे
पवन में झकोरा मा,माया बरसत है
पानी के बूंद मा,रूप दिखत है...