योरा बोडा मडमा, योरा बोडा मडमा...गोंडी विवाह गीत
ग्राम-चाचड़, तहसील-दुर्गकोंदल, जिला-उत्तर बस्तर कांकेर (छत्तीसगढ़) से उमेश्वरी दुग्गा और कंचन वड्डे एक गोंडी विवाह गीत सुना रहे हैं:
रे रे लयो रेला रे रे लोयो रेला रेला रे लोयो रेला-
योरा बोडा मडमा, योरा बोडा मडमा-
झिमिर-झिमिर टंडा मोदुन लेवा टंडा रो-
तोया काय किरा सुंदर लेवा साय-
जाति बाति लयोर जाति बाति व्यवोर-
झिमिर-झिमिर टंडा मोदुन लेवा टंडा रो...
Posted on: Jul 13, 2018. Tags: GONDI SONG KANCHAN WADDE UMESHWARI DUGGA
रेला रेला रे रेला डिंडा ये राजु राजू रोय...गोंडी गीत
ग्राम-चाचड़, तहसील-दुर्गकोंदल, जिला-उत्तर बस्तर कांकेर (छत्तीसगढ़) से उमेश्वरी दुग्गा और कंचन वड्डे एक गीत सुना रहे है:
रेला रेला रे रेला डिंडा ये राजु राजू रोय-
हेय देवा तमो डिंडा राज ने मंदी रोय-
जोड़ी रे जोड़ी मंदीट तमो रोय-
गोटू दे दायना इतेक रोय लयोर लकदीन रोय-
रेला रेला रे रेला डिंडा ये राजु राजू रोय...
Posted on: Jul 13, 2018. Tags: KANCHAN WADDE UMESHWARI DUGGA
कौआ और भैंस की एक कहानी: कुआ भैंस की पीठ पर क्यों बैठता है? (गोंडी भाषा में)
ग्राम-चाचड़, तहसील-दुर्गकोंदल, जिला-उत्तर बस्तर कांकेर (छत्तीसगढ़) से कंचन वड्डे गोंडी भाषा में कहानी सुना रही है : एक पेड़ के ऊपर कौआ बैठा था नजदीक ही एक खेत में पानी पीने एक भैस आया कौआ बोला भैसा भैया मै भी आपके जैसा ही पानी पी सकता हूँ उसके ही बगल में दो खेत में पानी भरा था दोनों ने कहा एक-एक खेत का पानी पीना तय हुआ दोनों पानी पीना शुरू कर दिया थोडा सा पानी छोटा कौआ तक गया परन्तु हिम्मत नहीं हारा कुछ ही समय में खेत मालिक आया और जिस खेत का पानी को कौआ पी रहा था उसी खेत को फोड़ दिया पूरा खेत खाली हो गया कौआ बहुत खुश हुआ! पानी मैंने पी लिया!और भैस हार गया तब से भैसा के पीठ पर कौआ बैठ रहा है!
Posted on: Jul 12, 2018. Tags: KAHANI KANCHAN WADDE
निमट गोंडी भाषा करिलाय इगा वाटू दादा रा...गोंडी गीत
ग्राम-चाचड़, ब्लाक-दुर्गकोंदल, जिला-उत्तर बस्तर कांकेर (छत्तीसगढ़) उमेश्वरी दुग्गा कंचन वड्डे और मनीषा दुगा एक गोंडी गीत सुना रहे है:
रे रे लोयो रेला रेला रेला रेला रे लोयो रेला रेला-
निमट गोंडी भाषा करिलाय इगा वाटू दादा रा-
इद गोंडी भाषा ते मावा गोंडी भाषा ते-
रे रे लोयो रेला रेला रे रेला लोयो रे रेला-
इगा उदीस केंजा मावा-
शिक्षा केंद्र गोटूल दादा रोय मावा-
गोंडी भाषा ते मावा कोया भाषा ते-
रे रे लोयो रेला रेला रे रेला रेला...
Posted on: Jul 08, 2018. Tags: GONDI SONG KANCHAN WADDE MANISHA DUGGA UMESHWARI DUGGA
धूम मुडिया मडिया हल्बा रंग-रंग न जाति...गोंडी गीत
ग्राम-चाचड़ से उमेश्वरी दुग्गा, मनीषा दुग्गा, कंचन वड्डे तहसील-दुर्गकोंदल, जिला-उत्तर बस्तर कांकेर (छत्तीसगढ़) से एक गोंडी गीत सुना रहे है:
साय रेला रे रे रेला साय रेला रे रे रेला-
धूम मुडिया मडिया हल्बा रंग-रंग न जाति-
खूब सुन्दर रूप मस्त आदिवासी-
वरा इन्कट हुलकी इन्कट कुश खोला इनता-
तुना लेया कोना लेया मिले मासी इन्कट-
साय रेला रे रे रेला साय रेला रे रे रेला...