कोयल काली कौवा काला, काले होते सिर के बाल...बाल कविता
मालीघाट मुजफ्फरपुर (बिहार) से एक बच्चा जीतन लाल ठाकुर एक बाल कविता, रंगों की कविता सुना रहा है :
कोयल काली कौवा काला काले होते सिर के बाल-
लाल-लाल होते गाजर सुन्दर और होते तोते की चोच-
हरे-हरे है जंगल सारे और हरा होते है तोता-
गेंद पीले चंम्पा पीली पीले होते सरसों के फूल...