जैसा मैंने सोचा था...गीत-
ग्राम-भोजपुर, तहसील-सारंगगढ़, जिला-रायगढ़ (छत्तीसगढ़) से घासीदास महंत गीत सुना रहे हैं:
चाँद सी महबूबा हो मेरी-
कब ऐसा मैंने सोचा था-
हाँ तुम बिलकुल वैसी हो-
जैसा मैंने सोचा था-
न कसमे हैं न रसमे हैं-
न सिकवे है न वादे है...