अब उठो घंटा बजाओ...कविता -
संतरामपुर, जिला-दाहोद (गुजरात) से कवियत्री डॉ मालिनी गौतम का कविता वाचन प्रस्तुत है उन्ही की आवाज में:
वक्त कब से कैद है कब तलक सोओगे तुम-
अब उठो घंटा बजाओ-
झूठ की इस भीड़ में सच तिरोहित हो गया-
इस गहन चिंता तले, दिन सिमट कर सो गया-
सो रहे रक्षक सभी चोर अब मुस्तेद है-
जागकर इस नींद से अब उठो घंटा बजाओ...