इस साल भी वन अधिकार और पेसा कानून के तहत हम लोग खुद तेंदूपत्ता तुड़ाई करवाए (गोंडी भाषा में)
ग्राम-मोहगाँव, तहसील-धनोरा, जिला-गढ़चिरोली (महाराष्ट्र) से बावसू पावे गोंडी भाषा में बता रहे है कि उनके गाँव में वे लोग ग्राम सभा और देव संस्कृति के ऊपर आधारित काम कर रहे है और आदिवासी समाज में पेसा, वन अधिकार कानून को सपोर्ट करके अपनी संस्कृति, अपना रीति रिवाज, रुढी प्रथा, परम्परा और अपना जो पुराना परम्परागत सिस्टम को मजबूत करना जरुरी है, उस पर काम कर रहे हैं| उसी काम को आगे बढ़ाते हुए इस साल भी वन अधिकार कानून और पेसा कानून के तहत हम लोग खुद तेंदूपत्ता तुड़ाई करवाए और ग्राम सभा से लेकर गोडाउन और वहां से दूसरे राज्य को हम लोगो ने भिजवाये इस तरह के काम हमारे गाँव में हम आदिवासी ग्रामीण खुद से करते है|