हमरा के अबहि त पढ़े द हो बाबू जी...महिला शिक्षा गीत
साथी अशोक शर्मा प्रखंड-बंदरा, सिमरा, जिला-मुजफ्फरपुर (बिहार) से महिला शिक्षा पर आधारित एक गीत सुना रहे हैं, जिसमें एक लड़की अपने पिता से यह अपील कर रही है कि...अभी मेरी शादी मत करिए, अभी मुझे पढ़ने -खेलने दीजिए .
बारी रे उमिरिया, बढे द हो बाबू जी
हमरा के अबहि, त पढ़े द हो बाबू जी
करा ना विवाह मोरा, भेजा इसकुलिया
रोज-रोज जाइब हम, सखिया-सहेलिया
असरा के दियवा के, भरे द बाबूजी
अबहि ता हमरा के, पढ़े द हो बाबू जी