चूहे द्वारा लोहे खाने की कहानी -
ग्राम-गोविन्दपुर, जिला-सूरजपुर (छत्तीसगढ़) से अरविन्द कुमार यादव एक कहानी सुना रहे है-चूहे कैसे खा गए लोहा : एक कारीगर को कुछ दिनों के लिए बाहर जाना था तो उसने अपने लोहे के औज़ारो को एक व्यापारी के यहाँ रखा और लौटने पर जब माँगा तो व्यापारी ने बोला तुम्हारा सामान चूहे खा गए तो कारीगर चुप रहा. फिर एक दिन वह व्यापारी के पुत्र को लेकर नदी में नहाने गया लौटने पर बोला लड़के को चील ले गया | राजा के पास मामला पहुंचा राजा बोला चील कैसे लड़के को ले जा सकती है तो कारीगर बोला महाराज जैसे चूहे लोहा खा सकते है, व्यापारी को औज़ार लौटने पड़े कारीगर ने भी उसके पुत्र को लौटाया | अरविन्द कुमार यादव@9617563590
Posted on: May 30, 2017. Tags: ARVIND KUMAR YADAV SONG VICTIMS REGISTER
सुख का सूरज यहाँ नही ढलता है, जिन्दगी को सुकून यहाँ मिलता है...गीत -
ग्राम-गोविन्दपुर, पोस्ट-तेजपुर, जिला-सूरजपुर (छत्तीसगढ़) से अरविन्द कुमार यादव एक गीत सुना रहे है :
सुख का सूरज यहाँ नही ढलता है, जिन्दगी को सुकून यहाँ मिलता है-
माँ के आँचल की ठण्डी छाया है, पिता के प्यार का सर पे साया है-
थाम कर हाथ चलना सिखाया हमें, प्यार की थपकियों से सुलाया हमें-
यहाँ आसान नही चुकाना इनको हम पर, जो क़र्ज़ है-
माता पिता के चरणों में स्वर्ग है, माता-पिता के चरणों में स्वर्ग है...