पृथ्वी दिवस: ऐसे ही छेड़खानी होती रही तो पृथ्वी से जीव जन्तु वनस्पति का खात्मा ही हो जायेगा...

पृथ्वी दिवस १९७० में पहली बार मनाया गया था, इसका उद्देश्य लोगो को पर्यावरण के प्रति जागरूक करना था | पृथ्वी पर अक्सर उत्तरी ध्रुव पर कई किलोमीटर तक बर्फ पिघलने से सूर्य की पराबेगनी किरणों को रोकना वाली ओजोन परत में छेद होना सुनामी जैसे भयंकर प्राकृतिक आपदा होना इन सभी के लिए मनुष्य ही जिम्मेदार है, अगर ऐसे ही पृथ्वी के साथ छेड़खानी होती रही तो पृथ्वी से जीव जन्तु वनस्पति का खात्मा ही हो जायेगा | पृथ्वी दिवस मात्र मनाने का दिन नही है बल्कि यह दिन चिन्तन मनन का है कि कैसे प्राकृतिक आपदाओं से बचा जाए और पर्यावरण को कैसे बचाया जाए ताकि हम स्वस्थ रह सके तथा आने वाली पीढ़ी भी सुरक्षित रह सके. सुनील कुमार@9308571702

Posted on: Apr 22, 2017. Tags: SONG SUNIL KUMAR VICTIMS REGISTER

धर्म तो एक ही सच्चा, जगत को प्यार देवें हम...प्रेम धर्म प्रार्थना-

मालीघाट, जिला-मुजफ्फपुर, (बिहार) से सुनील कुमार, एक प्रार्थना गीत सुना रहे है:-
धर्म तो एक ही सच्चा, जगत को प्यार देवें हम-
जगत में व जन जितने, जगत में दीन दलित जितने, उन्हें उपर उठाए हम-
धर्म तो एक ही सच्चा, जगत को प्यार देवें हम-
ना कोई विश्व में जिनका, दमन हो रहा जिनका-
उन्ही को शान्ति देवे हम, जगत को प्यार देवें हम-
धर्म तो एक ही सच्चा, जगत को प्यार देवें हम...

Posted on: Apr 22, 2017. Tags: SONG SUNIL KUMAR VICTIMS REGISTER

टूटे हुए दिलो को मिलाकर तो देखिये...गजल -

मालीघाट, जिला-मुजफ्फरपुर (बिहार) से सुनील कुमार प्रोफेसर शिरगातुल्ला हमीदी की एक गजल सुना रहे है :
टूटे हुए दिलो को मिलाकर तो देखिये-
इंसा के फासलों को घटाकर तो देखिये-
इंसानियत के दर्द जगाकर तो देखिये-
नफरत की आग खुद से बुझा कर तो देखिये...

Posted on: Apr 22, 2017. Tags: SONG SUNIL KUMAR VICTIMS REGISTER

कम हो रही है चिड़िया, गुम हो रही है गिलहरियां, अब दिखती नही है तितलियां...कविता

मालीघाट, जिला-मुजफ्फरपुर, (बिहार) से सुनील कुमार साथी सुनील भाई की याद में राजेन्द्र राजेन्द्र की कविता विकास सुना रहे हैं – कम हो रही है चिड़िया, गुम हो रही है गिलहरिया-
अब दिखती नही है तितलिया, लुप्त हो रही है जाने कितनी, जीवन की प्रजातिया-
कम हो रहा है धरती के घड़े में जल, पौधो में रस, अन्न में स्वाद-
कम हो रही है फलों में मिठास, फूलो में खुशबु, शरीर में सेहत-
कम हो रहा है जमींन में उपजाऊ पन, हवा में आक्सीजन सबकुछ कम हो रहा है-
जो जरुरी है जीने के लिए मगर चुप रहो, विकास हो रहा है...

Posted on: Apr 21, 2017. Tags: SONG SUNIL KUMAR VICTIMS REGISTER

बाज के उड़ने की कहानी...

बहुत समय पहले की बात है, एक राजा को उपहार में किसी ने बाज के दो बच्चे भेंट किये वे बड़ी ही अच्छी नस्ल के थे, और राजा ने कभी इससे पहले इतने शानदार बाज नहीं देखे थे राजा ने उनकी देखभाल के लिए एक अनुभवी आदमी को नियुक्त कर दिया। जब कुछ महीने बीत गए तो राजा ने बाजों को देखने का मन बनाया, और उस जगह पहुँच गए जहाँ उन्हें पाला जा रहा था। राजा ने देखा कि दोनों बाज काफी बड़े हो चुके थे और अब पहले से भी शानदार लग रहे थे |राजा ने बाजों की देखभाल कर रहे आदमी से कहा, मैं इनकी उड़ान देखना चाहता हूँ, तुम इन्हे उड़ने का इशारा करो । आदमी ने ऐसा ही किया। इशारा मिलते ही दोनों बाज उड़ान भरने लगे, पर जहाँ एक बाज आसमान की ऊंचाइयों को छू रहा था, वहीँ दूसरा, कुछ ऊपर जाकर वापस उसी डाल पर आकर बैठ गया जिससे वो उड़ा था। ये देख, राजा को कुछ अजीब लगा, क्या बात है जहाँ एक बाज इतनी अच्छी उड़ान भर रहा है वहीँ ये दूसरा बाज उड़ना ही नहीं चाह रहा राजा ने सवाल किया। जी हुजूर इस बाज के साथ शुरू से यही समस्या है, वो इस डाल को छोड़ता ही नहीं राजा को दोनों ही बाज प्रिय थे, और वो दूसरे बाज को भी उसी तरह उड़ना देखना चाहते थे। अगले दिन पूरे राज्य में ऐलान करा दिया गया, कि जो व्यक्ति इस बाज को ऊँचा उड़ाने में कामयाब होगा उसे ढेरों इनाम दिया जाएगा।फिर क्या था, एक से एक-एक करके विद्वान् आये और बाज को उड़ाने का प्रयास करने लगे, पर हफ़्तों बीत जाने के बाद भी बाज का वही हाल था, वो थोडा सा उड़ता और वापस डाल पर आकर बैठ जाता। फिर एक दिन कुछ अनोखा हुआ, राजा ने देखा कि उसके दोनों बाज आसमान में उड़ रहे हैं। उन्हें अपनी आँखों पर यकीन नहीं हुआ और उन्होंने तुरंत उस व्यक्ति का पता लगाने को कहा जिसने ये कारनामा कर दिखाया था। वह व्यक्ति एक किसान था अगले दिन वह दरबार में हाजिर हुआ। उसे इनाम में स्वर्ण मुद्राएं भेंट करने के बाद राजा ने कहा, मैं तुमसे बहुत प्रसन्न हूँ, बस तुम इतना बताओ कि जो काम बड़े-बड़े विद्वान् नहीं कर पाये वो तुमने कैसे कर दिखाया। मालिक ! मैं तो एक साधारण सा किसान हूँ, मैं ज्ञान की ज्यादा बातें नहीं जानता, मैंने तो बस वो डाल काट दी जिसपर बैठने का बाज आदि हो चुका था, और जब वो डाल ही नहीं रही तो वो भी अपने साथी के साथ ऊपर उड़ने लगा।

Posted on: Apr 20, 2017. Tags: SONG SUNIL KUMAR VICTIMS REGISTER

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