दुर्बल को न सताइये, जाकी मोटी हाय...दोहा
राजनांदगांव, छत्तीसगढ़ से वीरेंद्र गंधर्व कबीरदास के दोहे के माध्यम से बता रहे हैं कि दुर्बल को नहीं सताना चाहिये, इससे उसकी हाय लगती है|
दुर्बल को न सताइये, जाकी मोटी हाय-
बिना जीव की श्वास से, लोह भस्म हो जाय...