अभिलाषा के विध्या के शिक्षा का सुविचारो से...कविता-
जिला-राजनदगावं (छत्तीसगढ़) से वीरेन्द्र गन्धर्व कविता सुना रहे है:
वीरेन्द्र गंद्रव नाम हमारा-
राजनादागावं गावं हमारा-
अभिलाषा के विध्या के-
शिक्षा का सुविचारो से-
हमें वितरक है-
लो ख़ुशी दो ख़ुशी-
तो खुशनुमा होगी जिन्दगी-
किले जितने वाले मिट जाते है-
दिल जितने वाले सदा याद किये जाते है...