गणतंत्र रहे स्वतन्त्र रहे सदा हमारा देश...देश भक्ति कविता-
जिला-राजनंदगाँव (छत्तीसगढ़) से विरेन्द्र गन्धर्व कविता सुना रहे है:
गणतंत्र रहे स्वतन्त्र रहे सदा हमारा देश-
भाईचारे का यन्त्र रहे सदा हमारा देश-
लेना सीखे कम और देना सीखे ज्यादा-
दुनिया को सिखाए शिष्टता सभ्यता और मर्यादा-
मोहब्बत का मंत्र रहे सदा हमारा देश-
गणतंत्र रहे स्वतन्त्र रहे सदा हमारा देश...(184324)