हमर बेरिया हो...गीत-
मालीघाट, मुजफ्फरपुर (बिहार) से सुनील कुमार भिखारी ठाकुर जी की रचना “दोरंग नीतिया” सुना रहे हैं:
येही कोख बेजा जनमल वही कोख बेटिया हो-
दुरंग नीतिया-
काहे कैला हो बाबू जी दुरंग नीतिया-
बेटा जे जनमला से तोहरा बधईया-
हमर बेलिया-
बेटा की खेलय खातिर देला मोटर गाड़िया हो-
हमर बेरिया काहे झुला तू लागुरिया...