लहराती झाकियां मुस्कुराकर गणतंत्र की कहानिया सुनाती है...रचना-
मालीघाट मुजफ्फरपुर (बिहार) से सुनील कुमार डॉ ऊषा अनुराग की एक रचना सुना रहे हैं:
लहराती झाकियां मुस्कुराकर गणतंत्र की कहानिया सुनाती है-
आजादी की घटनाये रंगों में एक एक करके उभरी है-
इन पक्के रंगों को चाहकर भी मिटा नहीं सकते-
चुनौती भरा समय है नींद से जगाना है-
इन मुट्ठीभर लोगो को कडियाँ जोड़कर पढाना है-
एकता का पाठ संस्कृति का मूल मंत्र है...