शूकर पालन और व्यवसाय...
प्रसार केंद्र, सामाजिक, सांस्कृतिक शोध संस्थान, मुज़फ्फापुर (बिहार) से सुनील कुमार बता रहे हैं, आज जरुरत और अंग को ध्यान में रखते हुये आदि देश के युवा वैज्ञानिक तरीके से शूकर पालन व्यवसाय को अपनाते है तो वे राष्ट्रिय खाद्य व्यवस्था के साथ साथ पोषण सुरक्षा प्राप्त करते हुये, राष्ट्रिय आय में योगदान दे सकते हैं| शूकर पालन कम खर्च और कम जोखिम वाला व्यवसाय है, यह दुसरे पशुओं की तुलना में तेजी से वृद्धी करता है, सभी प्रकार के खाय पचा सकने और पौष्टिक मांस बनाने में सक्षम है, छ: माह में यह 60 किलो तक हो जाता है| यह कम समय में वयस्क हो जाता है, मादा शूकर एक बार में 8 से 12 बच्चे जन्म देती है, एक साल में 2 बार बच्चे देती है, ये खर्च का व्यवसाय है|