अभिलाषा है अभिलाषा है...गीत-
अभिलाषा विद्यालय राजनांदगांव (छत्तीसगढ़) से वीरेंद्र गंधर्व जो एक नेत्रहीन विद्यालय के शिक्षक है एक गीत सुना रहे हैं :
अभिलाषा है अभिलाषा है सबके सुख की अभिलाषा-
अभिलाषा है संग रहने की, मिल जुलकर सुख दुःख सहने की-
कुछ सुनने की कुछ कहने की-
अभिलाषा है अभिलाषा है हमें प्रेम की भाषा पढ़ने की-
हमें नील गगन पर चढने की-
नूतन इतिहास को गढ़ने की अभिलाषा है अभिलाषा है...