आंसू गिरा धरती पे कोई समझ न पाये...कविता-
ग्राम-कोटया, तहसील-प्रतापपुर, जिला-सूरजपुर (छत्तीसगढ़) से जीतन पोया एक कविता सुना रहे हैं :
आंसू गिरा धरती पे कोई समझ न पाये-
माता पिता बोले हाय-हाय-
कखर कान नहीं सुनाये-
वो बेटा बेटी काम का जो अपने समाज को जगाये-
सगा समाज बिना जिंदगी नहीं चलाय...