कहाँ लागाये इतना देर तुम्हार नही आज खैर...हास्य व्यंग रचना
ग्राम-तमनार, जिला-रायगढ़, (छत्तीसगढ़) से कन्हैया लाल पडियारी एक हास्य व्यंग सुना रहे हैं:
मै जब बाहर से आया दरवाजे से आवाज लागाया-
बीबी कड़ककर बोली अन्दर से दरवाजा खोली-
कहाँ लागाये इतना देर तुम्हार नही आज खैर-
पहले उसने पोंछा लगवाई फिर बर्तन मंज्वाई-
बाद में कपडे भी धुलवाई खाना भी पकवाई-
फिर बिस्तर लगवाई सूत कर मालिश करवाई...