जागा रे जागा सारा संसार- कविता
ग्राम- देवरी, तहसील-परतापुर, जिला- सूरजपुर (छत्तीसगढ़) से मूल निवासी भद्रा पानी के बारे मैं एक कविता सुना रहे है:
जागारे, जागारे, जागा सारा संसार
फूटी किरण लाल खुलता है पुरब का द्वार
जागा रे जागा रे जागा सारा संसार
अंगड़ाई लेती ये धरती उठी है
सदियों की ठुकराई मिट्टी उठी है
टूटे हो टूटे गुलामी के बंधन हजार
जागा रे जागा रे जागा सारा संसार ...