इंसान से नफरत करते हो, भगवान को तुम क्या पाओगे...कविता-
ग्राम-रिमारी, जिला-सीधी (मध्यप्रदेश) से लालजी वैश्य एक कविता सुना रहे हैं :
इंसान से नफरत करते हो भगवान को तुम क्या पाओगे-
इंसान को तुन अपना ना सके भगवान को क्या पाओगे-
इंसान प्रभु का बंदा है नफरत ही नरक का फंदा है-
इन्सान को धोखा देकर के भगवान को तुम झुठलाओगे-
इंसान की इज्जत करना ही भगवान की पूजा होती है-
इंसान को अपमानित करते, प्रभु को न मान दे पाओगे-
खुद अपने दोष छुपाते हो, औरो को दोष लगाते हो...