जारवा कस रोकत रहब गली, चोरकट कस सगले गडत रहब...बघेलखंडी भाषा में कविता
ग्राम, पोस्ट-पडरी, तहसील-सिरमौर, जिला-रीवा (मध्यप्रदेश) से रमेश प्रसाद यादव बघेलखंडी भाषा में एक कविता सुना रहे हैं :
जारवा कस रोकत रहब गली-
चोरकट कस सगले गडत रहब-
अन्याव साहब न अब हमहू-
हम लड़त रहब, हम लड़ते रहब-
हमरे झोपड़ी का टोर उपछ, ऊपर से गली बनौते है-
जहां रहा अबे तक चौराहा, हुआं आपन महल बनौते है...