फिर आउंगी अब की बार उदास मत होना...महाश्वेता देवी पर कविता

जिला-रांची (झारखंड) से योगेश कुमार विश्व आदिवासी दिवस पर महाश्वेता देवी के निधन पर एक कविता समर्पित कर रहे हैं:
फिर आउंगी अब की बार उदास मत होना-
किसी बच्चे की किलकारी में-
अब की बार आदिवासी बनकर-
रचूँगी उन रचनाओं को जो अधूरी छोड़ चली मैं-
फिर आउंगी जाने का दुःख मुझे भी हैं-
पर आई हूँ तो जाऊँगी उम्र ढल चुकी थी मेरी
पर विचार वाही विद्रोही थे-
अब नया जीवन चाहती थी-
तक गई थी मैं बूढी थी मैं-
अब की आउंगी तो चिंगारी उड़ेंगे शब्दों से-
लाल होंगे शब्द मेरे जो काले पड़ गए थे-
तब तक तुम अपनी लड़ाई लड़ना-
रुकना नहीं चलते रहना उन रास्तो पर-
जिस पर चलकर मैं आगे आई-
अब तुम्हारी बारी है छोड़ जाती हूँ-
कुछ मैं तुम्हारे लिए-
कुछ जरुर करना तुम मेरे आने तक...

Posted on: Jul 01, 2017. Tags: SONG VICTIMS REGISTER YOGESH KUMAR

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