प्रकृति से प्यार करोगे तो प्रकृति तुमसें प्यार करेगा ....

छत्तीसगढ़ राजनंदगांव से वीरेंद्र जी हम सब को वन महोत्सव के दिवस में प्रकृति से घनिष्ठ संबंध रखने का सुझाव दे रहे हैं|हमारे देश में जुलाई माह के प्रथम सप्ताह को वन महोत्सव आयोजित किया जाता है जिसमे वे कह रहे हैं कि “जंगल में मंगल है “अर्थात् जहाँ जंगल है वहाँ सुख-शांति की प्राप्ति होती है|जंगल के अनेक नाम हैं जैसे-वन,कानन, अरण्य आदि नामों से जाना जाता है|परन्तु वर्तमान में वन अर्थात् प्रकृति की कटाई तेजी से हो रहा है,जिससे प्रकृति में संतुलन बिगाड़ रहा है,इसका प्रभाव हमारे सामने विभिन्न रूपों में दिखाई देता हैं,जैसे -कहीं अधिक बारिश से बाढ का आना,कहीं कम बारिश होना,कभी बरसात में गर्मी का होना आदि|ये सभी प्रकृति से छेड़-छाड़ करने का परिणाम है|इसलिए हमें वन की कटाई नहीं बल्कि वन की रक्षा करना चाहिए|अधिक से अधिक पेड़-पौधे लगाना चाहिए और उनकी रक्षा करना चाहिए,जिससे प्रकृति खुश रहे,यदि प्रकृति खुश रहेगा तो हमें भी खुश रखेगा,इसलिए प्रकृति से प्यार करें तो प्रकृति भी हमसें प्यार करेगा|फिर धरती हमारा हैं,अम्बर हमारा है,सारा नजारा हमारा हैं|

Posted on: Jul 02, 2021. Tags: CG HUMANITY NATURE RAJNANDAGANV SAVE VEERENDRA

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