मिली है एक ज़िंदगी रोकर मत गंवाओ
एक ज़िंदगी
मिली है एक ज़िंदगी रोकर मत गंवाओ
रोने में क्या रक्खा है खुशी से दिन बिताओ
जाने कब क्या हो जाए इसे ऐसे ही मत गंवाओ
एक एक पल को खुशियों से सजाओ
डरो कभी न एक क्षण को, निर्भय होकर दिन बिताओ
प्यार से बातें करो, कभी किसी पर मत गुस्साओ
आए कितनी भी मुश्किलें राह पर, हंसकर उनको पार करो
बने जी कांटे पथ पर, उनको जड से दूर करो
जिस आदत में है बुराई, कभी न उसके पास फटको
जो करे तुमसे नफरत, तुम उससे प्यार करो
हताशा में निराश न होकर, आशा का संचार करो
इस प्यारी सी ज़िन्दगी का हंसकर सत्कार करो
अर्चना