रचो-रहो मनचल राजा बहाओ दर्द की सिमरिया...विवाह गीत
जिला-मंडला (म.प्र.) से लेखराम यादव एक विवाह गीत सुना रहे हैं:
रचो-रहो मनचल राजा बहाओ दर्द की सिमरिया-
होतो पंडित कहे मरे बिन भावर न चढ़े-
तुमरे पेच चले रे आगे बाण-
जागे तो बेटा बेटी भवर चढ़े...
जिला-मंडला (म.प्र.) से लेखराम यादव एक विवाह गीत सुना रहे हैं:
रचो-रहो मनचल राजा बहाओ दर्द की सिमरिया-
होतो पंडित कहे मरे बिन भावर न चढ़े-
तुमरे पेच चले रे आगे बाण-
जागे तो बेटा बेटी भवर चढ़े...