हमरा के लेहले चला गउएं-जवरिया में...भोजपुरी लोकगीत
मालीघाट, जिला-मुजफ्फरपुर, बिहार से सुनील कुमार भोजपुरी भाषा में एक लोकगीत प्रस्तुत कर रहे हैं:
हम नाहीं रहब सइयां दिल्ली शहरिया में-
हमरा के लेहले चला गउएं-जवरिया में-
कइसे लोग जियेला शहर के जीवन-
गउवां के हवा-पानी बूटी है सजीवन-
जेल लेखे लागत बाड़ी ये अन्हरी कोठरिया में-
हमरा के लेहले चला गउएं-जवरिया में-
रहिया में लोग जैसे मेला के रेला-
नीक नाहीं लागे हमरा महला दू महला-
कोयली के कूक सूना अपन बंसवरिया में-
हमरा के लेहले चला गउएं-जवरिया में...