बिसहाड़ा की आग में सुलगता भारत...दादरी हत्याकांड पर कविता
कानपुर, उत्तरप्रदेश से के एम भाई दादरी हत्याकांड पर कविता प्रस्तुत कर रहे हैं:
बिसहाड़ा की आग में सुलगता भारत-
सुवारांस और मुर्गांस के भक्षक, आज गोमांस पर विचलित हैं-
सहिष्णुता और अखंडता की दुहाई दे रहे हैं-
उन्हें डर है-
कहीं बकरांस उनके भक्षण का हरण न कर ले-
सत्ता के तिलचट्टे भी बड़े पशोपेश में हैं-
उन्हें फ़िक्र है, कहीं गोमांस और बकरांस, सर्वांस का वरण न कर ले-
लोकतंत्र आज बेहद प्रसन्न है-
यह सोचकर, कहीं धर्मनिर्पेक्षता-
मोक्ष की शरण ना कर ले...