गोंडी भाषा बोलने में सभी जगह एक सरल और मधुरता से ये भाषा का प्रयोग हो...
दिल्ली के राजघाट गांधी स्मृति एवं दर्शन समिति से मोहन बता रहे हैं,कि जहाँ गोंडी भाषा के मानकीकरण हेतु 6 राज्यों से कई भाषाविद, शिक्षक, प्रोफेसर, साहित्यकार और समाजसेवी एकत्र हुए हैं. इस मौके पर आए वरिष्ठ साथी शेर सिंह अचलाजी तथा तारामजी से बातचीत की| उन लोगों ने बताया कि ये प्रयास सराहनीय है|हम सभी कोशिश कर रहे हैं कि हम एक मानक गोंडी भाषा बना पाएं| और आने वाले भावी पीढ़ियों के लिए ये भाषा सीखने और समझने के लिए एक बेहतर माध्यम हो सके| जिससे ये भाषा सभी जगह एक सरल और मधुरता से ये भाषा का प्रयोग हो |